शिक्षामित्र से शिक्षक बने कर्मचारियों को मिलेगा पुरानी पेंशन का लाभ | उत्तर प्रदेश सरकार का बड़ा फैसला
उत्तर प्रदेश में शिक्षा विभाग से जुड़ी एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। प्रदेश सरकार ने उन शिक्षामित्रों को राहत दी है जिन्हें 28 मार्च 2005 से पहले परिषदीय विद्यालयों में नियुक्त किया गया था और बाद में नियमित शिक्षक के रूप में समायोजित कर दिया गया। अब इन शिक्षकों को भी पुरानी पेंशन योजना (OPS) का लाभ दिया जाएगा। लंबे समय से उठ रही यह मांग आखिरकार पूरी हो गई है और इससे हजारों परिवारों को भविष्य की सुरक्षा की गारंटी मिलेगी।
क्या है मामला
प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में बड़ी संख्या में शिक्षामित्र कार्यरत थे। समय-समय पर सरकार द्वारा जारी आदेशों के अनुसार इनमें से कई शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित किया गया। समस्या यह थी कि 2005 से पहले नियुक्त होने के बावजूद इन्हें पुरानी पेंशन का लाभ नहीं मिल पा रहा था। शिक्षक संगठनों और कर्मचारी संघों ने बार-बार यह मुद्दा उठाया और मांग की कि इनकी पूर्व सेवा को जोड़कर पुरानी पेंशन का अधिकार दिया जाए।
कितने शिक्षकों को होगा लाभ
प्रदेश के लगभग 1.48 लाख शिक्षामित्रों में से बड़ी संख्या को अब इस फैसले का फायदा मिलेगा। हालांकि अभी सभी जिलों में आदेश जारी नहीं हुआ है। जानकारी के अनुसार, 75 जिलों में से 37 जिलों में यह प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, जबकि बाकी 38 जिलों के बीएसए (बेसिक शिक्षा अधिकारी) ने आदेश जारी नहीं किए हैं। जिन जिलों में आदेश जारी होने बाकी हैं, उनमें लखनऊ, गाजियाबाद, अयोध्या, कानपुर नगर, वाराणसी, बरेली, मेरठ और प्रयागराज शामिल हैं।
सरकार और विभाग की तैयारी
शिक्षा विभाग ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया है कि जल्द से जल्द लंबित जिलों में भी आदेश जारी किए जाएं। आवेदन करने वाले शिक्षकों को अपने पुराने सेवा रिकॉर्ड और दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे। उसके बाद जिला शिक्षा अधिकारियों की संस्तुति पर उन्हें पुरानी पेंशन का लाभ दिया जाएगा।
शिक्षकों की प्रतिक्रिया
लंबे समय से इस मुद्दे पर संघर्ष कर रहे शिक्षकों और संगठनों ने सरकार के इस कदम का स्वागत किया है। उनका कहना है कि यह फैसला न केवल शिक्षकों के भविष्य को सुरक्षित करेगा बल्कि शिक्षा सेवा में भरोसा और स्थायित्व भी लाएगा।
भविष्य पर असर
पुरानी पेंशन योजना की बहाली शिक्षकों के लिए आर्थिक स्थिरता और मानसिक सुकून का बड़ा साधन बनेगी। नई पेंशन योजना के मुकाबले पुरानी पेंशन अधिक सुरक्षित मानी जाती है क्योंकि इसमें रिटायरमेंट के बाद निश्चित पेंशन की गारंटी होती है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस फैसले से आने वाले समय में अन्य कर्मचारियों के लिए भी एक सकारात्मक संदेश जाएगा।
निष्कर्ष
उत्तर प्रदेश सरकार का यह निर्णय शिक्षा जगत के लिए एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है। यदि शेष जिलों में भी शीघ्र आदेश जारी हो जाते हैं तो सभी योग्य शिक्षकों को पुरानी पेंशन का लाभ मिलेगा। आवेदन प्रक्रिया और आधिकारिक आदेश से जुड़ी जानकारी के लिए इच्छुक शिक्षक उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद की आधिकारिक वेबसाइट पर संपर्क कर सकते हैं।
